किसान और व्यापारी भाइयो चना बाज़ार में अभी मिला-जुला रुख देखने को मिल रहा है, जहाँ कीमतें ₹100 से ₹150 की तेजी-मंदी के साथ चल रही हैं। आने वाले त्योहारों को देखते हुए चने की कीमतों में सुधार की उम्मीद है। इस सीजन में चने का भाव अभी तक ₹6425 तक पहुँचा है। उम्मीद है कि कीमतें पहले ₹6500 और फिर ₹7000 तक बढ़ेंगी, लेकिन यह तेजी अक्टूबर तक ही रह सकती है। इस समय बंदरगाहों पर आयातित चने का स्टॉक लगभग खत्म हो चुका है और भारत में भी बड़े व्यापारियों के पास ही घरेलू चना बचा है। देश में चने की आवक कम होने से सभी लोग अक्टूबर में आने वाली ऑस्ट्रेलिया की नई फसल का इंतजार कर रहे हैं, जिसके इस साल अच्छी होने की उम्मीद है। इस बीच, अफ्रीका से भी थोड़ी मात्रा में चने का आयात होने की संभावना है। विदेशी बाज़ारों में, तंजानिया और ऑस्ट्रेलिया के चने की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी हुई है। जुलाई की शुरुआत में जहाँ तंजानिया का चना ₹5700 और ऑस्ट्रेलिया का चना ₹5875 प्रति क्विंटल था

वहीं 30 जुलाई को यह बढ़कर ₹6275 और सोमवार को ₹6400 तक पहुँच गया। दिल्ली में भी चने की कीमतें जुलाई की शुरुआत में ₹5825 से बढ़कर चौथे हफ्ते में ₹6450 के उच्चतम स्तर पर पहुँच गई थीं। हालांकि, ऊँची कीमतों पर हुई बिक्री से थोड़ी गिरावट आई, लेकिन बाद में कीमतें फिर से बढ़ गईं। 31 जुलाई और 1 अगस्त को बाजार में थोड़ी गिरावट आई और भाव ₹6350 पर बंद हुआ। जुलाई की शुरुआत से अब तक चने की कीमतों में ₹600 से ₹650 तक की तेजी आ चुकी है। मंडियों में चने की आवक कमजोर है
त्योहारों की मांग बनी हुई है, और विदेशों से कोई आयात नहीं हो रहा है, जिसकी वजह से आने वाले दिनों में चने के भाव में तेजी का माहौल बना रह सकता है। फिलहाल, बाज़ार सीमित दायरे में घूम रहा है, लेकिन रक्षा बंधन जैसे त्योहारों पर मांग बढ़ने से कीमतों में और तेजी देखने को मिल सकती है, जिससे भाव ₹6500 के स्तर तक भी पहुँच सकता है। बाकी व्यापार अपने विवेक से ही करें