सरसों बाजार में कितनी तेजी बाकी आगे क्या होगा जाने इस रिपोर्ट के माध्यम से

किसान और व्यापारी भाइयों जैसा कि हमने आपको अपनी पिछली रिपोर्ट में बताया था कि त्योहार का दिन खत्म होने के बाद भाव में हमेशा गिरावट देखने को मिलती है, क्योंकि त्योहार तक मांग बनी रहती है, लेकिन त्योहार के बाद मांग सीमित रह जाती है, जिससे भाव में गिरावट देखने को मिलती है। और वैसा ही देखने को मिल रहा है। जयपुर मंडी में सरसों का भाव 7525 से गिरकर 7450 पर रह गया और भरतपुर मंडी में 7066 से गिरकर 6925 पर कल बाज़ार बंद हुआ है। सरसों प्लांट की बात करें, तो सलोनी प्लांट में सरसों का भाव गिरकर 7925 पर रह गया है। जैसा कि हमने बताया, इन दिनों सरसों तेल की मांग सीमित रह गई है, जिससे बाज़ार में गिरावट देखने को मिली है। और अब आगे बाज़ार का रुझान सीमित दायरे में घूमता नज़र आएगा। हालाँकि, 27 अगस्त को गणेश चतुर्थी है, जिस पर तेल मिलों की मांग बढ़ सकती है, जिससे भाव में तेज़ी देखने को मिल सकती है। निर्यात की बात करें, तो इस साल भारत से चीन सरसों खल की ज़बरदस्त ख़रीद कर रहा है, क्योंकि अन्य देशों से भारतीय सरसों खली $195/टन से $236/टन सस्ता पड़ रहा है, जिससे चीन अच्छी ख़रीद कर रहा है। चीन को सरसों खली का निर्यात 12 हज़ार टन से बढ़कर 2.77 लाख टन पर पहुँच गया है।

भारत के लिए चीन सरसों खली का सबसे बड़ा आयातक बनकर उभरा है। बात करें तेज़ी-मंदी की, तो फ़िलहाल बाज़ार 100 से 200 रुपये की घट-बढ़ के साथ सीमित दायरे में घूमता नज़र आएगा। अगले महीने में नवरात्रि है, जिससे तेल मिलों की मांग में बढ़ोतरी हो सकती है। ये मानकर चलें, सितंबर के मध्य से सरसों में तेज़ी का दौर शुरू हो सकता है और अक्टूबर में दिवाली तक एक और तेज़ी का दौर देखने को मिल सकता है और उस समय भाव लगभग 500 से 600 रुपये तक की तेज़ी देखने को मिल सकती है। बाकी व्यापार अपने विवेक से ही करें

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