भारत सरकार ने सोने की खरीदारी करने वालों के लिए एक बड़ा निर्णय लिया है। भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) ने घोषणा की है कि अब 9 कैरेट सोने के गहनों पर भी हॉलमार्किंग अनिवार्य होगी। यह नया नियम जुलाई 2025 से लागू होगा और इसका सीधा असर उन खरीदारों पर पड़ेगा जो कम कैरेट के सस्ते सोने की तरफ रुख कर रहे हैं।
क्या है हॉलमार्किंग और क्यों जरूरी है?
हॉलमार्किंग सोने की शुद्धता का प्रमाण होता है। BIS द्वारा प्रमाणित ज्वैलर्स द्वारा बनाए गए गहनों पर एक विशेष मार्क लगाया जाता है, जो यह बताता है कि सोना कितना शुद्ध है। इससे ग्राहकों को यह पता चलता है कि वे जो सोना खरीद रहे हैं, वह असली है या नहीं। पहले केवल 14 कैरेट, 18 कैरेट, 22 कैरेट और 24 कैरेट सोने पर ही हॉलमार्किंग की अनिवार्यता थी, लेकिन अब 9 कैरेट सोने को भी इसके दायरे में लाया गया है।
9 कैरेट सोने पर नया नियम क्या कहता है?
BIS के अनुसार, 9 कैरेट सोने में कम से कम 37.5% शुद्ध सोना (375 भाग प्रति 1000) होना चाहिए। इसका मतलब है कि अगर कोई ज्वैलर 9 कैरेट का सोना बेचता है, तो उसे BIS द्वारा प्रमाणित कराना होगा और हॉलमार्किंग करवानी होगी। इससे ग्राहकों को यह विश्वास मिलेगा कि उन्हें मिल रहा सोना असली है।
सोने की बढ़ती कीमतों के बीच क्यों बदला नियम?
भारत में सोने की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं। 18 जुलाई 2025 को दिल्ली में 24 कैरेट सोने की कीमत ₹99,520 (प्रति 10 ग्राम) तक पहुंच गई। ऐसे में, कई लोग अब 9 कैरेट और 14 कैरेट जैसे सस्ते सोने की तरफ रुख कर रहे हैं। लेकिन बाजार में नकली और मिलावटी सोने की बिक्री भी बढ़ रही थी, जिसे रोकने के लिए सरकार ने यह कदम उठाया है।
हॉलमार्किंग के नए ग्रेड कौन-कौन से हैं?
BIS ने हॉलमार्किंग के लिए नए ग्रेड भी जोड़े हैं, जिनमें शामिल हैं:
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24K (999 शुद्धता)
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23K (958 शुद्धता)
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22K (916 शुद्धता)
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20K (833 शुद्धता)
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18K (750 शुद्धता)
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14K (585 शुद्धता)
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9K (375 शुद्धता)
इसके अलावा, सोने के सिक्कों के लिए भी नए नियम बनाए गए हैं। अब केवल 24K सोने की पतली शीट से बने सिक्के ही मान्य होंगे, बशर्ते वे किसी टकसाल या रिफाइनरी द्वारा बनाए गए हों और उनकी कोई कानूनी मुद्रा वैल्यू न हो।
ज्वैलर्स और ग्राहकों पर क्या होगा असर?
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ज्वैलर्स के लिए: अब सभी ज्वैलर्स को 9 कैरेट सोने की हॉलमार्किंग करानी होगी। ऑल इंडिया जेम एंड ज्वेलरी डोमेस्टिक काउंसिल ने भी कहा है कि सभी ज्वैलर्स और हॉलमार्किंग सेंटर्स को इस नियम का पालन करना होगा।
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ग्राहकों के लिए: अब ग्राहकों को 9 कैरेट सोने की शुद्धता की गारंटी मिलेगी, जिससे उन्हें ठगी से बचाया जा सकेगा।
निष्कर्ष: क्या यह फैसला सही है?
यह निर्णय निश्चित रूप से सोने के बाजार में पारदर्शिता लाएगा और ग्राहकों को सही सोना खरीदने में मदद करेगा। हालांकि, इससे 9 कैरेट सोने की कीमत थोड़ी बढ़ सकती है, क्योंकि ज्वैलर्स को अब हॉलमार्किंग का अतिरिक्त खर्च उठाना होगा। फिर भी, लंबे समय में यह कदम भारतीय गोल्ड मार्केट को और भरोसेमंद बनाएगा।
अगर आप भी सोना खरीदने की सोच रहे हैं, तो अब हॉलमार्किंग वाले गहनों को ही प्राथमिकता दें। इससे आप नकली सोने से बच सकते हैं और अपनी कमाई का सही निवेश कर सकते हैं।