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क्या ग्वार का भाव 6000 तक जा सकता है ग्वार रिपोर्ट

किसान और व्यापारी भाइयो ग्वार का उत्पादन धीरे-धीरे कम होता जा रहा है और इस साल भी इसकी बुआई में भारी कमी देखने को मिली है। अभी तक राजस्थान और गुजरात में पिछले साल के मुकाबले सिर्फ 47% बुआई हुई है। मंडियों में भाव की बात करे तो कल आदमपुर मंडी में ग्वार का भाव ₹5040 रहा। सिरसा मंडी में ग्वार के भाव ₹4400 से ₹4911 के बीच रहे। भट्टू मंडी में ग्वार बोली ₹4824 पर लगी। बीकानेर मंडी में ग्वार ₹4900 से ₹5000 और नोहर मंडी में ₹4800 से ₹5000 तक रहा। पिछले कई सालों से ग्वार में लगातार नुकसान होने के कारण किसान और व्यापारी दोनों ही इससे दूरी बना रहे हैं।

इन परिस्थितियों को देखते हुए, यह अनुमान लगाया जा रहा है कि इस साल ग्वार का भाव 6000 तक भी सकता है। मौजूदा खबरों के अनुसार, इस साल कुल फसल 35 लाख बोरी तक ही रहने का अनुमान है, जबकि पिछले साल भी उत्पादन कम था। हालाँकि, ग्वार गम का निर्यात लगातार घटने के कारण इसका व्यापार भी सिमट रहा है। एक समय (2010-11) में ₹305-310 प्रति किलो बिकने वाला ग्वार, 6-7 साल पहले गिरकर ₹27 प्रति किलो तक आ गया था। अब अहमदाबाद और जोधपुर में इसके भाव ₹51.50-₹52 प्रति किलो हैं, और वायदा बाजार में ₹52.50-₹52.60 पर कारोबार हो रहा है। ग्वार गम का भाव भी जोधपुर और अहमदाबाद में ₹96.50-₹97.50 प्रति किलो हो गया है। किसान अब ग्वार की जगह मक्का और बाजरा उगा रहे हैं, साथ ही सब्जियों की खेती भी ज्यादा कर रहे हैं। यही वजह है कि पिछले एक दशक से उत्पादन में कमी के बावजूद, गम का निर्यात 50% कम होने से ग्वार की मांग घट गई है। भारी नुकसान और लागत नहीं निकल पाने के कारण 2011 के बाद से ग्वार के भाव फिर कभी वापस नहीं लौटे। फिलहाल ग्वार का स्टॉक बहुत कम है, और जो स्टॉक दिख रहा है वह सटोरियों द्वारा बनाया हुआ है। अगर असल खपत की बात करें तो ग्वार मिलना मुश्किल हो जाएगा। राजस्थान के किसान भी ग्वार की खेती से निराश हो चुके हैं और अब सिर्फ पशुओं के चारे और सब्जी के लिए ही इसकी बुआई कर रहे हैं। वे ग्वार की फलियों को हरे में ही बेचकर अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं, जिससे बीज के लिए ग्वार कम तैयार हो रहा है। नारियल की तरह ही, ग्वार के लिए भी आने वाले समय में माल मिलना मुश्किल हो सकता है। पिछले एक दशक में ग्वार के बीज की तुलना में उसकी फलियों का व्यापार ज्यादा हो रहा है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारतीय ग्वार के कम भाव होने से निर्यातकों की रुचि इसमें फिर से बढ़ने लगी है। इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए, यह पूरी संभावना है कि ग्वार का भाव 6000 तक जा सकता है। बाकी व्यापार अपने विवेक से ही करें

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